Berojgar PM Sarkari Yojana 2025 प्रधानमंत्री बेरोजगार रोजगार योजना महीने का 15,000 रुपये तक

Berojgar PM Sarkari Yojana 2025 प्रधानमंत्री बेरोजगार रोजगार योजना महीने का 15,000 रुपये तक

एमएसएमई मंत्रालय, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के माध्यम से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) का कार्यान्वयन कर रहा है जो उद्यमियों की गैर-कृषि क्षेत्र में नई इकाइयों की स्थापना में सहायता करता है। इसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों/ग्रामीण और शहरी बेरोजगार युवाओं को उनके निवास स्थान पर रोजगार के अवसर प्रदान करना है। विस्तृत जानकारी वेबसाइट: https://msme.gov.in/1-prime-ministers-employment-generation-programme-pmegpपर देखी जा सकती है।

पीएम विश्वकर्मा योजना 17.09.2023 को 18 ट्रेडों के कारीगरों और शिल्पकारों को एंड-टू-एंड (संपूर्ण) सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी जो अपने हाथों और उपकरणों से काम करते हैं। योजना के घटकों में पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता, कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, ऋण सहायता, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता शामिल हैं। योजनाओं का विवरण https://pmvishwakarma.gov.in/पर उपलब्ध है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 8 अप्रैल, 2015 को गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म उद्यमों को 20 लाख रुपये तक (उन उद्यमियों के लिए जिन्होंने ‘तरुण’ श्रेणी के तहत पिछले ऋणों का सफलतापूर्वक भुगतान किया है) तक का ऋण प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजना है। इन ऋणों को पीएमएमवाई के तहत मुद्रा ऋण के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये ऋण वाणिज्यिक बैंकों, आरआरबी, लघु वित्त बैंकों, एमएफआई और एनबीएफसी द्वारा दिए जाते हैं। उधारकर्ता ऊपर उल्लिखित किसी भी ऋणदाता संस्थान से संपर्क कर सकता है या www.udyamimitra.in पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। पीएमएमवाई के तत्वावधान में, मुद्रा ने लाभार्थी माइक्रो यूनिट/उद्यमी की वृद्धि/विकास के चरण और वित्त पोषण आवश्यकताओं को दर्शाने के लिए ‘शिशु’, ‘किशोर’, ‘तरुण’ और ‘तरुण प्लस’ नामक चार उत्पाद बनाए हैं और स्नातक/विकास के अगले चरण के लिए एक संदर्भ बिंदु भी प्रदान करते हैं। इस योजना के लिए वेबसाइट https://www.mudra.org.in/ है।

प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी)एमएसएमई मंत्रालय, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के माध्यम से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) का कार्यान्वयन कर रहा है जो उद्यमियों की गैर-कृषि क्षेत्र में नई इकाइयों की स्थापना में सहायता करता है। इसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों/ग्रामीण और शहरी बेरोजगार युवाओं को उनके निवास स्थान पर रोजगार के अवसर प्रदान करना है। विस्तृत जानकारी वेबसाइट: https://msme.gov.in/1-prime-ministers-employment-generation-programme-pmegpपर देखी जा सकती है।
पीएम विश्वकर्मा योजनापीएम विश्वकर्मा योजना 17.09.2023 को 18 ट्रेडों के कारीगरों और शिल्पकारों को एंड-टू-एंड (संपूर्ण) सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी जो अपने हाथों और उपकरणों से काम करते हैं। योजना के घटकों में पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता, कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, ऋण सहायता, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता शामिल हैं। योजनाओं का विवरण https://pmvishwakarma.gov.in/पर उपलब्ध है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई)प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 8 अप्रैल, 2015 को गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म उद्यमों को 20 लाख रुपये तक (उन उद्यमियों के लिए जिन्होंने ‘तरुण’ श्रेणी के तहत पिछले ऋणों का सफलतापूर्वक भुगतान किया है) तक का ऋण प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजना है। इन ऋणों को पीएमएमवाई के तहत मुद्रा ऋण के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये ऋण वाणिज्यिक बैंकों, आरआरबी, लघु वित्त बैंकों, एमएफआई और एनबीएफसी द्वारा दिए जाते हैं। उधारकर्ता ऊपर उल्लिखित किसी भी ऋणदाता संस्थान से संपर्क कर सकता है या www.udyamimitra.in पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। पीएमएमवाई के तत्वावधान में, मुद्रा ने लाभार्थी माइक्रो यूनिट/उद्यमी की वृद्धि/विकास के चरण और वित्त पोषण आवश्यकताओं को दर्शाने के लिए ‘शिशु’, ‘किशोर’, ‘तरुण’ और ‘तरुण प्लस’ नामक चार उत्पाद बनाए हैं और स्नातक/विकास के अगले चरण के लिए एक संदर्भ बिंदु भी प्रदान करते हैं। इस योजना के लिए वेबसाइट https://www.mudra.org.in/ है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई)प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) की एक प्रमुख योजना है जो 15 जुलाई 2015 को शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य संबंधित क्षेत्रों में उद्योगों की मांग के आधार पर राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) संरेखित नौकरी भूमिकाओं में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करके देश भर के अभ्यार्थियों की रोजगार क्षमता में सुधार करना था। इसमें दो प्रकार के प्रशिक्षण अर्थात् अल्पकालिक प्रशिक्षण (एसटीटी) और पूर्व शिक्षण की मान्यता (आरपीएल) प्रदान किये जाते हैं। अल्पकालिक प्रशिक्षण (एसटीटी) प्रमाणित अभ्यार्थियों की रोजगार क्षमता में सुधार करता है, जबकि पूर्व शिक्षण की मान्यता (आरपीएल) में अभ्यार्थियों में पहले से मौजूद कौशल के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया शामिल है और यह प्लेसमेंट से जुड़ा नहीं है। इस योजना के तीन संस्करणों, यानी पीएमकेवीवाई 1.0 (2015-16), पीएमकेवीवाई 2.0 (2016-20) और पीएमकेवीवाई 3.0 (2020-22) का कार्यान्वयन पूरा हो गया है। वर्तमान में, पूरे देश में पीएमकेवीवाई 4.0 (वित्त वर्ष 2022-26) अर्थात योजना का नवीनतम संस्करण कार्यान्वित किया जा रहा है। योजना का ब्यौरा इस वेबसाइट पर उपलब्ध है: https://www.msde.gov.in/offerings/schemes-and-services/details/pradhan-mantri-kaushal-vikas-yojana-4-0-pmkvy-4-0-2021-ITO3ATMtQWa
राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस)एनएपीएस-2 देश में शिक्षुता प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है। यह प्रशिक्षु अधिनियम, 1961 के तहत काम करने वाले प्रशिक्षुओं को आंशिक वजीफा सहायता प्रदान करता है। यह योजना शिक्षुता पारिस्थितिकी तंत्र की क्षमता बढ़ाने और हितधारकों को परामर्शी सहायता प्रदान करने पर भी काम करती है। इस योजना का ब्यौरा वेबसाइट https://www.msde.gov.in/offerings/schemes-and-services/details/national-apprenticeship-promotion-scheme-naps-YjM4ATMtQWa पर उपलब्ध है: योजना के अन्य विवरण भी इस वेबसाइट पर हैं: https://www.apprenticeshipindia.gov.in/
उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजना (पीएलआई)भारत के ‘आत्मनिर्भर’ बनने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 14 प्रमुख क्षेत्रों के लिए उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं की घोषणा की गई। पीएलआई योजनाओं का उद्देश्य प्रमुख क्षेत्रों और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में निवेश आकर्षित करना है; दक्षता सुनिश्चित करना और विनिर्माण क्षेत्र में मह्त्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं को लाना और भारतीय कंपनियों और निर्माताओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। इन योजनाओं में अगले पांच वर्षों या उससे आगे भी उत्पादन, रोजगार और आर्थिक विकास को काफी बढ़ावा देने की क्षमता है। यह 14 क्षेत्र इस प्रकार हैं : (i) मोबाइल विनिर्माण और निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिक घटक, (ii) क्रिटिकल की स्टार्टिंग मैटेरियल्स/ड्रग इंटरमीडियरीज और एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स, (iii) चिकित्सा उपकरणों का विनिर्माण (iv) ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स, (v) फार्मास्यूटिकल्स ड्रग्स, (vi) स्पेशियलिटी स्टील, (vii) टेलीकॉम और नेटवर्किंग उत्पाद, (viii) इलेक्ट्रॉनिक/प्रौद्योगिकी उत्पाद, (ix) व्हाइट गुड्स (एसी और एलईडी), (x) खाद्य उत्पाद, (xi) कपड़ा उत्पाद: एमएमएफ खंड और तकनीकी वस्त्र (xii) उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल, (xiii) उन्नत रसायन सेल (एसीसी) बैटरी, और (xiv) ड्रोन और ड्रोन घटक। योजना का विवरण वेबसाइट पर है: https://www.myscheme.gov.in/schemes/dot-pli-scheme https://www.pib.gov.in/PressNoteDetails.aspx?NoteId=153454 https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2060117 https://www.investindia.gov.in/blogs/manufacturing-renaissance-through-pli-schemes
पीएम गतिशक्ति – मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लानआर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 21 अक्टूबर 2021 को पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के कार्यान्वयन को मंज़ूरी दे दी। पीएम गतिशक्ति आर्थिक विकास और सतत विकास के लिए एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण है। यह दृष्टिकोण 7 इंजनों द्वारा संचालित है, नामत: -1. रेलवे 2. सड़कें 3. बंदरगाह 4. जलमार्ग 5. हवाई अड्डे 6. जन परिवहन 7. संभार अवसंरचना/ लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चरयह सभी 7 इंजन इकट्ठे एक-दूसरे के संग मिल कर अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएंगे। इन इंजनों को ऊर्जा संचरण, आईटी संचार, थोक जल और सीवरेज और सामाजिक बुनियादी ढांचे की पूरक भूमिकाओं द्वारा समर्थित किया जाता है। यह दृष्टिकोण स्वच्छ ऊर्जा और सबका प्रयास द्वारा संचालित है – केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र के प्रयासों से – सभी के लिए, विशेष रूप से युवाओं के लिए रोजगार और उद्यमशीलता के बृहद् अवसर पैदा होते हैं। विवरण वेबसाइट पर है: https://dpiit.gov.in/logistics-division
भारतीय जूते और चमड़ा विकास कार्यक्रम (आईएफएलडीपी)सरकार ने 19 जनवरी, 2022 को केंद्रीय क्षेत्र की योजना अर्थात् ‘भारतीय फुटवियर और चमड़ा विकास कार्यक्रम (आईएफएलडीपी)’ को 31.03.2026 तक या अगली समीक्षा तक, जो भी पहले हो, जारी रखने की मंजूरी दी है। आईएफएलडीपी में 06 उप योजनाएं शामिल हैं, (i) सतत प्रौद्योगिकी और पर्यावरण संवर्धन (एसटीईपी), (ii) चमड़ा क्षेत्र का एकीकृत विकास (आईडीएलएस), (iii) संस्थागत सुविधाओं की स्थापना (ईआईएफ), (iv) मेगा चमड़ा फुटवियर और सहायक कलस्टर विकास (एमएलएफएसीडी), (v) चमड़ा और फुटवियर क्षेत्र में भारतीय ब्रांडों का ब्रांड संवर्धन और (vi) डिजाइन स्टूडियो का विकास। इनका विवरण वेबसाइट: https://dpiit.gov.in/indian-footwear-leather-and-accessories-development-program पर देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान पार्क (पीएम-मित्र)/प्रधान मंत्री मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पार्क (पीएम-मित्र)प्रधानमंत्री मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान पार्क (पीएम-मित्र) योजना के तहत 7 मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएँगे। इसका उद्देश्य बुनाई और प्रसंस्करण क्षेत्र सहित वस्त्र उद्योग की संपूर्ण मूल्य-श्रृंखला के लिए एकीकृत, बड़े पैमाने पर और आधुनिक औद्योगिक अवसंरचना सुविधा विकसित करना है। इससे वस्त्र उद्योग का उत्पादन और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। विस्तृत जानकारी वेबसाइट: https://www.texmin.nic.in/sites/default/files/mitra_0.pdfपर देखी जा सकती है।
भविष्य कौशल प्राइम/फ्यूचर स्किल्स प्राइमइलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने “फ्यूचर स्किल्स प्राइम” कार्यक्रम शुरू किया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित 10 नई/उभरती प्रौद्योगिकियों में रोजगारपरकता हेतु आईटी कर्मियों के पुनः-कौशल/अप-कौशलीकरण हेतु एक कार्यक्रम है। इस योजना की वेबसाइट https://futureskillsprime.in है।
रोजगार से संबद्ध प्रोत्साहन (ईएलआई) योजनाप्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सभी क्षेत्रों में रोज़गार सृजन, रोज़गार क्षमता बढ़ाने और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए, विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए, रोज़गार से संबद्ध प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को मंज़ूरी दे दी है। इस योजना के तहत, जहाँ पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का वेतन (15,000 रुपये तक) मिलेगा, वहीं नियोक्ताओं को अतिरिक्त रोज़गार सृजन के लिए दो साल तक की अवधि के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा, साथ ही विनिर्माण क्षेत्र के लिए लाभ को दो साल के लिए और बढ़ाया जाएगा। ईएलआई योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में प्रधानमंत्री द्वारा 4.1 करोड़ युवाओं को रोज़गार, कौशल विकास और अन्य अवसर प्रदान करने हेतु पाँच योजनाओं के पैकेज के एक हिस्से के रूप में की गई थी, जिसका कुल बजट परिव्यय 2 लाख करोड़ रुपये है। विवरण इस लिंक पर देखे जा सकते हैं: https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2141127

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