Berojgar Yojana बेरोजगार युवाओं के लिए शानदार सरकारी योजनाएं 30000 हजार

Berojgar Yojana बेरोजगार युवाओं के लिए शानदार सरकारी योजनाएं 30000 हजार

भारत सरकार की रोजगार सृजन योजनाएँ/कार्यक्रम

रोजगार सृजन के साथ-साथ नियोजनीयता में सुधार करना सरकार की प्राथमिकता है। तदनुसार, भारत सरकार ने देश में रोजगार सृजन के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। इन प्रयासों में देश को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए विभिन्न दीर्घकालिक योजनाएं/कार्यक्रम/नीतियां शामिल हैं। सरकार की रोजगार सृजन योजनाओं/रोजगार संवर्धन कार्यक्रमों के बारे में उनकी वेबसाइट के ब्यौरे सहित संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है।

योजना/कार्यक्रम का नामटिप्पणी
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई)1 अक्टूबर, 2020 से आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना (एबीआरवाई) नियोक्ताओं को कोविड-19 महामारी के दौरान रोज़गार के नुकसान की भरपाई और नए रोज़गार सृजन के लिए प्रोत्साहित करने हेतु शुरू की गई थी। लाभार्थियों के पंजीकरण की अंतिम तिथि 31.03.2022 थी। 31 मार्च, 2022 तक पंजीकृत लाभार्थियों को योजना के तहत पंजीकरण की तिथि से 2 वर्षों तक लाभ मिलता रहा। योजना की शुरुआत से लेकर 31.03.2024 तक, देश भर में 60.49 लाख लाभार्थियों को लाभ प्रदान किया जा चुका है। इस योजना का वेबसाइट का लिंक https://labour.gov.in/aatmanirbhar-bharat-rojgar-yojana-abryहै।
प्रधानमंत्री रोज़गार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई)नए रोजगार सृजन के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई) 1.4.2016 से शुरू की गई थी। दिनांक 31 मार्च, 2019 तक पंजीकृत लाभार्थियों को योजना के तहत पंजीकरण की तारीख से 3 साल तक अर्थात दिनांक 31 मार्च, 2022 तक लाभ मिलता रहा। इस योजना का वेबसाइट लिंक https://www.india.gov.in/spotlight/pradhan-mantri-rojgar-protsahan-yojana-pmrpy है।
राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) योजनाभारत सरकार का श्रम और रोजगार मंत्रालय राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल चला रहा है, जो निजी और सरकारी क्षेत्रों की नौकरियों, ऑनलाइन और ऑफलाइन रोजगार मेलों की जानकारी, नौकरी खोज और मिलान, करियर परामर्श, व्यावसायिक मार्गदर्शन, कौशल विकास पाठ्यक्रमों की जानकारी, कौशल/प्रशिक्षण कार्यक्रम आदि सहित करियर से संबंधित सेवाएं एक डिजिटल प्लेटफॉर्म [www.ncs.gov.in] के माध्यम से प्रदान करने के लिए वन-स्टॉप समाधान है। इस योजना की वेबसाइट https://www.ncs.gov.in/है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजी एनआरईजीएस)महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी एनआरईजीएस) मांग आधारित वेतन रोजगार कार्यक्रम है जिसमें प्रत्येक परिवार, जिसके वयस्क सदस्य अप्रशिक्षित/अकुशल शारीरिक श्रम करने के स्वेच्छा से इच्छुक हैं, को प्रत्येक वित्तीय वर्ष में कम से कम सौ दिनों का गारंटीशुदा वेतन रोजगार प्रदान करके देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा बढ़ाने का प्रावधान है। यह आजीविका सुरक्षा प्रदान करता है अर्थात् जब रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध न हों तो ग्रामीण परिवारों के पास आजीविका उपार्जन का यह विकल्प उपलब्ध रहे। https://nrega.dord.gov.in/MGNREGA_new/Nrega_home.aspx
प्रधान मंत्री गरीब कल्याण रोज़गार अभियान (पीएमजीकेआरए)गरीब कल्याण रोज़गार अभियान (जीकेआरए) एक 125-दिवसीय अभियान है जो माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 20 जून, 2020 को शुरू किया गया था तथा जिसका उद्देश्य एक बहुआयामी रणनीति अपना कर पलायन कर रहे प्रवासी श्रमिकों और कोविड-19 महामारी से प्रभावित ग्रामीण आबादी की समस्याओं का समाधान करते हुए संकटग्रस्त लोगों को तत्काल रोज़गार और आजीविका के अवसर प्रदान करना, गाँवों में सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे की परिपूर्णता और आजीविका के साधनों का निर्माण करना ताकि आय सृजन गतिविधियों को बढ़ावा मिले और दीर्घकालिक आजीविका के अवसरों में वृद्धि करते हुए 6 राज्यों के 116 चयनित जिलों में 50,000 करोड़ रुपये के संसाधन वाले 25 निर्माण कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस योजना का वेबसाइट लिंक https://www.pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1806269है।
आजीविका – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम)दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित एक प्रमुख गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य गरीब परिवारों को लाभकारी स्वरोजगार और कुशल मजदूरी रोजगार के अवसरों के लिए सक्षम बनाकर गरीबी को कम करना है जिसके परिणामस्वरूप गरीबों के लिए सतत और विविध आजीविका विकल्प उपलब्ध होंगे। यह गरीबों की आजीविका में सुधार के लिए दुनिया की सबसे बड़ी पहलों में से एक है। यह मिशन चार मुख्य घटकों अर्थात (क) ग्रामीण गरीब महिलाओं की सामाजिक गतिशीलता और उनके स्व-प्रबंधित और वित्तीय रूप से टिकाऊ सामुदायिक संस्थानों को बढ़ावा देना और मजबूत करना; (ख) वित्तीय समावेशन; (ग) सतत आजीविका; और (घ) सामाजिक समावेश, सामाजिक विकास और अभिसरण के माध्यम से अधिकारों तक पहुंच में कार्य करके अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहता है। इस मिशन का उद्देश्य 2022-23 तक चरणबद्ध तरीके से लगभग 10 करोड़ ग्रामीण गरीब परिवारों तक पहुँचना और उनकी आजीविका में महत्वपूर्ण बदलाव लाना है। इस मिशन का वेबसाइट लिंक https://aajeevika.gov.in/about/introductionहै।
पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई)ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) ने 25 सितंबर 2014 को अंत्योदय दिवस पर दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) की घोषणा की। डीडीयू-जीकेवाई राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) का एक हिस्सा है, जिसे ग्रामीण गरीब परिवारों की आय में विभिन्न अवसर जोड़ने और ग्रामीण युवाओं की करियर संबंधी आकांक्षाओं को पूरा करने के उद्देश्यों का दोहरा काम सौंपा गया है। डीडीयू-जीकेवाई विशिष्ट रूप से गरीब परिवारों के 15 से 35 वर्ष की आयु के ग्रामीण युवाओं पर केंद्रित है। स्किल इंडिया अभियान के एक भाग के रूप में, यह सरकार के सामाजिक और आर्थिक कार्यक्रमों जैसे मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटीज और स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया अभियानों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस योजना के लिए वेबसाइट लिंक http://ddugky.info/है।
ग्रामीण स्वरोजगार एवं प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई)ग्रामीण स्वरोजगार और प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई) ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) द्वारा वित्त पोषित एक बैंक संबद्ध प्रशिक्षण संस्थन है जिसे प्रायोजक बैंकों द्वारा अपने जिलों में कौशल और उद्यमिता विकास के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय आरएसईटीआई भवन के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है और ग्रामीण गरीब अभ्यार्थियों को प्रशिक्षण देने की लागत भी वहन करता है। आरएसईटीआई में स्वरोजगार या मजदूरी रोजगार करने की योग्यता रखने और संबंधित क्षेत्र में कुछ बुनियादी ज्ञान रखने वाला कोई भी 18-45 वर्ष के आयु वर्ग का बेरोजगार युवा प्रशिक्षण ले सकता है। कुछ प्रशिक्षित अभ्यार्थी नियमित वेतनभोगी नौकरी/मजदूरी रोजगार भी प्राप्त कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी वेबसाइटhttp://nirdpr.org.in/rseti/index.aspxपर उपलब्ध है।
पीएम- स्वनिधि योजनाप्रधानमंत्री पथ विक्रेता आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना 1 जून, 2020 से शहरी क्षेत्रों में रेहड़ी-पटरी वालों को ज़मानत रहित कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करने के लिए शुरू की गई है ताकि वे अपना व्यवसाय फिर से शुरू कर सकें, जो कोविड-19 के लॉकडाउन के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इस योजना का विवरण वेबसाइट:https://pmsvanidhi.mohua.gov.in/पर उपलब्ध है।
दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम)इस योजना का उद्देशय शहरी गरीब परिवारों को लाभप्रद स्वरोजगार और कुशल मजदूरी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उनकी गरीबी और असुरक्षा को कम करना है जिसके परिणामस्वरूप गरीबों क़े लिए मजबूत मूलभूत संस्थाओं के निर्माण के माध्यम से स्थायी आधार पर उनकी आजीविका में काफी सुधार होगा। मिशन का उद्देश्य चरणबद्ध तरीके से शहरी बेघरों को आवश्यक सेवाओं से सुसज्जित आश्रय प्रदान करना है। इसके अतिरिक्त, इस मिशन से शहरी पथ विक्रेताओं को समुचित स्थलों, संस्थागत ऋण, सामाजिक सुरक्षा और कौशल प्रदान करके उभरते बाजार क़े अवसरों की उपलब्धता दिलवा कर आजीविका संबंधी चिंताओं को भी दूर किया जाएगा। इस योजना की वेबसाइट https://nulm.gov.in/है।
प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी)एमएसएमई मंत्रालय, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के माध्यम से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) का कार्यान्वयन कर रहा है जो उद्यमियों की गैर-कृषि क्षेत्र में नई इकाइयों की स्थापना में सहायता करता है। इसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों/ग्रामीण और शहरी बेरोजगार युवाओं को उनके निवास स्थान पर रोजगार के अवसर प्रदान करना है। विस्तृत जानकारी वेबसाइट: https://msme.gov.in/1-prime-ministers-employment-generation-programme-pmegpपर देखी जा सकती है।

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